लोग भूल गये हैं वाक्य
उच्चारण: [ loga bhul gay hain ]
उदाहरण वाक्य
- 1984-रघुवीर सहाय / लोग भूल गये हैं (काव्य)
- लोग भूल गये हैं-अनन्तर, जनसत्ता, 8 अप्रैल 2007
- लोग भूल गये हैं कि राजनीति का भी कोई धर्म हो सकता है।
- लोग भूल गये हैं, आत्महत्या के विरूद्ध, हंसो हंसो जल्दी हंसो, सीढियों पर धूप में आदि
- सच मे मनुहार का अर्थ ही शायद लोग भूल गये हैं अब तो ज़ुबान से तीर ही निकलते है।
- सच मे मनुहार का अर्थ ही शायद लोग भूल गये हैं अब तो ज़ुबान से तीर ही निकलते है।
- अभी दूसरी फिल्म का परिणाम तो आना है पर पहले वाली फिल्म का नाम तक लोग भूल गये हैं ।
- लोग भूल गये हैं कि दारूबाज कभी नहीं उबरता, यह भिखमंगा तो दूजे और कई नशों की गिरफ्फ में है।
- लोग भूल गये हैं, भारत में भी आजादी के बाद नेताओं को तराशने-गढ़ने का ऐसा ही काम शुरू हुआ था.
- ये लोग भूल गये हैं:-एक ही अनुभव हुआ है आदमी की जात से, जिन्दगी काटे नही कटती महज जज्बात से।
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